गरीब परिवारों को सरकार देगी खुद का मकान, मकान बनाने के लिए मिलेंगे 2.5 लाख रुपए Mukhyamantri Awas Yojana

Mukhyamantri Awas Yojana: हरियाणा सरकार की मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना (Mukhyamantri Shahri Awas Yojana) के तहत अब लाभार्थियों की जियो टैगिंग प्रक्रिया शुरू हो गई है. इससे उन लोगों को बड़ी राहत मिलने जा रही है जो अपने खुद के घर का सपना देख रहे हैं.

सिरसा जिले में इस योजना के अंतर्गत नगर परिषद की एमआईएस शाखा बीते तीन दिनों से लाभार्थियों को सेक्टर-20 पार्ट थ्री में जियो टैगिंग के लिए बुला रही है. इसके साथ ही प्लॉट की मार्किंग का काम भी जोरों पर जारी है.

प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 में भी भारी भागीदारी

इस बीच प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के अंतर्गत अब तक 22,000 लोगों ने आवेदन जमा किए हैं. यह आवेदन तीन प्रमुख कैटेगरी में वर्गीकृत हैं:

  • अफोर्डेबल हाउसिंग पार्टनरशिप, जिसके अंतर्गत फ्लैट दिए जाएंगे.
  • बैनिफिशरी लैंड कैटेगरी, जिसमें आवेदनकर्ता के पास खुद का प्लॉट होना चाहिए.
  • इन-सीटू स्लम रिडेवलपमेंट, जिसमें झुग्गी बस्तियों का पुनर्विकास किया जाएगा.

बैनिफिशरी लैंड वाले लाभार्थियों को ₹2.50 लाख की सहायता

अगर लाभार्थी के पास खुद का प्लॉट है और वह बैनिफिशरी लैंड कैटेगरी में आता है, तो उसे ₹2.50 लाख की आर्थिक सहायता सरकार द्वारा दी जाएगी. इसका लाभ तभी मिलेगा जब: प्लॉट खाली हो, या यदि कोई निर्माण है तो उसकी छत कच्ची होनी चाहिए.
इस राशि को तीन किस्तों में आवंटित किया जाएगा, ताकि निर्माण की हर स्थिति पर नजर रखी जा सके.

सिरसा में 853 लाभार्थियों को मिलेगा 30 गज का प्लॉट

  • सिरसा शहर के HSVP सेक्टरों में कुल 853 लाभार्थियों को 30 गज के प्लॉट आवंटित किए जाएंगे.
  • इन लाभार्थियों के:
  • दस्तावेजों का वेरिफिकेशन पूरा किया जा चुका है.
  • अब उनके कागजों को आधार से लिंक किया जा रहा है.
  • इसके बाद जियो टैगिंग के माध्यम से मकान की प्रगति पर लगातार निगरानी रखी जाएगी.
  • जियो टैगिंग से कैसे रुकेगा फर्जीवाड़ा?
  • जियो टैगिंग तकनीक से यह पता चलता रहेगा कि:
  • मकान कहां तक बना है,
  • उसकी वर्तमान स्थिति क्या है,
  • और सरकारी सहायता का उपयोग सही दिशा में हो रहा है या नहीं.
  • इससे फर्जी लाभार्थियों की पहचान करना आसान हो जाएगा और योजना की पारदर्शिता बनी रहेगी.
  • ₹2.50 लाख की सहायता तीन चरणों में कैसे मिलेगी?
  • सरकार द्वारा दिए जाने वाले ₹2.50 लाख की आर्थिक मदद को तीन किस्तों में वितरित किया जाएगा:
  • पहली किस्त, जब निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा.
  • दूसरी किस्त, जब दीवारें खड़ी हो जाएंगी.
  • तीसरी और अंतिम किस्त, जब छत ढाल दी जाएगी.
  • यह किस्त आधारित सिस्टम यह सुनिश्चित करता है कि सहायता राशि का सही और पूर्ण उपयोग हो.

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